फसल नष्ट होने और कर्ज का बोझ होने पर किसान फांसी झूला, मौत
- मटौध थाना क्षेत्र के दुरेड़ी गांव में हुई घटना
बांदा। कर्जदार किसानों की दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही है। सरकार दावे जरूर करती है लेकिन किसानों का उत्थान नहीं हो पा रहा है। एक कर्जदार किसान जब कर्ज अदा नहीं कर पाया तो वह परेशान होने लगा। इधर उसके खेत में बोई गई मटर की फसल भी बर्बाद हो गई थी। इससे किसान और भी परेशान हो गया। शनिवार की रात को किसान ने मवेशी बाड़े में रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
मिली जानकारी के मुताबिक मटौध थाना क्षेत्र के दुरेड़ी गांव निवासी चुन्नू सिंह (50) पुत्र रंजीत सिंह शनिवार रात मवेशी बाड़ा में छप्पर की धन्नी मे रस्सी से फांसी लगाकर खुदकुशी कर लिया। सुबह पत्नी मुन्नी की नीद खुली तो देखा वह चार पाई पर नही था। परिजन खेजबीन करते हुए मवेशी बाड़ा पहुंचे, वहां देखा तो उसका शव फंदे पर लटक रहा था। शव देखते ही घरवालो में चीखपुकार मच गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने पूछताछ करने के बाद शव को कब्जे में ले लिया। मृतक के छोटे भाई मानसिंह ने बताया कि चुन्नू सिंह किसानी करता था। उसने तीन साल पहले बेटी की शादी के लिए सेंट्रल बैक शाखा मटौध से केसीसी के जरिए एक लाख 80 हजार रूपए कर्ज लिया था। इसके अलावा ढाई लाख रूपए रिस्तेदारो से भी लिया था। पैदावार न होने से वह कर्ज की भरपाई नही कर पा रहा था। कर्जदार भी तकादा कर रहे थे। चुन्नू ने इस वर्ष दस बीघा में मटर की बुआई कराई थी। वह यह सोच रहा था कि पैदावार अच्छी हो जाएगी तो वह कर्ज की भरपाई कर देगा। लेकिन कुछ दिन पहले हुई वे मौसम वारिस ने उसके मासूबो पर पानी फेर दिया। पूरी फसल चौपट हो गई। परेशान होकर उसने फांसी लगाकर खुदकुशी कर लिया। परिवारीजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।