दिल्ली विधानसभा चुनाव: सिंगल फेज में 5 फरवरी को वोटिंग, नतीजे 8 फरवरी को
परिचय
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने घोषणा की है कि 70 विधानसभा सीटों के लिए सिंगल फेज में 5 फरवरी को मतदान होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे। इस बार की चुनाव प्रक्रिया 33 दिनों में पूरी होगी, जो पिछली बार के मुकाबले अधिक संगठित और तेज़ है। आइए, जानते हैं इस चुनाव से जुड़े मुख्य बिंदु।
चुनाव प्रक्रिया और अहम तारीखें
- चुनाव की तारीखें: 5 फरवरी को मतदान और 8 फरवरी को नतीजों की घोषणा।
- समय सीमा: 33 दिनों में पूरी चुनाव प्रक्रिया।
- वोटिंग स्टेशन: 1.55 करोड़ मतदाताओं के लिए 33,000 पोलिंग स्टेशन तैयार किए गए हैं।
इस बार की प्रक्रिया में हर चरण को पारदर्शिता और तेज़ी से पूरा करने पर ध्यान दिया गया है।
2020 और 2025 चुनाव में अंतर
- समय अंतर: इस बार चुनाव की घोषणा और नतीजे एक सप्ताह पहले हो रहे हैं।
- पोलिंग स्टेशन: पिछली बार की तुलना में पोलिंग स्टेशन की संख्या में बढ़ोतरी।
- ईवीएम सुरक्षा: ईवीएम और वीवीपैट की प्रक्रियाओं में और अधिक सख्ती।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने विशेष रूप से पारदर्शिता और मतदाता सुविधा पर ज़ोर दिया है।
मुख्य चुनाव आयुक्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस के मुख्य बिंदु
- ईवीएम पर उठे सवाल:
ईवीएम की सुरक्षा और उपयोग को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि मतदान की प्रक्रिया के हर चरण में एजेंट्स की मौजूदगी में ईवीएम को सील किया जाता है। - वोटर लिस्ट की गड़बड़ियों का खंडन:
मतदाता सूची से नाम हटाने और जोड़ने के आरोपों को उन्होंने खारिज किया और पारदर्शी प्रक्रिया पर जोर दिया। - वोटिंग टर्नआउट में बढ़ोतरी:
शाम 5 बजे के बाद वोटिंग टर्नआउट बढ़ने के सवालों पर उन्होंने प्रक्रिया का विस्तार से स्पष्टीकरण दिया।
दिल्ली के 70 विधानसभा क्षेत्र: मतदाताओं की भूमिका
दिल्ली के 1.55 करोड़ मतदाता इस चुनाव में अहम भूमिका निभाएंगे।
- महिला मतदाता: महिलाओं की भागीदारी पर विशेष ध्यान दिया गया है।
- युवा मतदाता: युवा मतदाताओं को प्रोत्साहित करने के लिए अभियान चलाए गए हैं।
- वरिष्ठ नागरिक और दिव्यांग मतदाता: इनके लिए विशेष प्रबंध किए गए हैं।
चुनावी मुद्दे और आरोप-प्रत्यारोप
1. मतदाता सूची की गड़बड़ी
कुछ राजनीतिक दलों ने मतदाता सूची से नाम हटाने का आरोप लगाया।
- चुनाव आयोग का दावा है कि नामों को जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता से होती है।
- ड्राफ्ट रोल और आपत्तियों की प्रति सार्वजनिक रूप से साझा की जाती है।
2. ईवीएम पर सवाल
ईवीएम में छेड़छाड़ और हैकिंग के आरोपों का खंडन करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त ने इसे तकनीकी रूप से असंभव बताया।
3. वोटिंग टर्नआउट का विवाद
शाम 5 बजे के बाद मतदान प्रतिशत बढ़ने के आरोपों पर चुनाव आयोग ने प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जोर दिया।
ईवीएम और वीवीपैट: एक फुलप्रूफ सिस्टम
चुनाव आयोग ने ईवीएम और वीवीपैट की विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने के लिए कई सख्त कदम उठाए हैं।
- सीलिंग प्रक्रिया: प्रत्येक ईवीएम और वीवीपैट को एजेंट्स की मौजूदगी में सील किया जाता है।
- मॉक पोल: मतदान से पहले मॉक पोल कराए जाते हैं।
- काउंटिंग प्रक्रिया: काउंटिंग के दौरान वीवीपैट की 5 पर्चियों का मिलान अनिवार्य किया गया है।
चुनाव आयोग की चुनौतियां
चुनाव आयोग को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है:
- फेक न्यूज़: चुनाव प्रक्रिया के बारे में गलत जानकारी फैलाना।
- राजनीतिक दबाव: आरोप-प्रत्यारोप के बीच चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाए रखना।
- लॉजिस्टिक्स: 33,000 पोलिंग बूथ्स पर सभी सुविधाओं को सुनिश्चित करना।
निष्कर्ष
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 लोकतंत्र के एक और महत्वपूर्ण अध्याय की शुरुआत करेगा। 1.55 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी और चुनाव आयोग की पारदर्शी प्रक्रिया इसे एक ऐतिहासिक चुनाव बना सकती है। राजनीतिक दलों और मतदाताओं के बीच बढ़ती जागरूकता इस चुनाव को और भी रोमांचक बनाएगी।
FAQs
1. दिल्ली चुनाव 2025 की मुख्य तारीखें क्या हैं?
चुनाव 5 फरवरी को होगा और नतीजे 8 फरवरी को घोषित किए जाएंगे।
2. इस बार कितने पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं?
1.55 करोड़ मतदाताओं के लिए 33,000 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं।
3. क्या ईवीएम से छेड़छाड़ संभव है?
चुनाव आयोग के अनुसार, ईवीएम पूरी तरह सुरक्षित और हैकिंग प्रूफ है।
4. मतदाता सूची में गड़बड़ी पर क्या कदम उठाए गए हैं?
चुनाव आयोग ने पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने के लिए सख्त नियम लागू किए हैं।
5. क्या शाम 5 बजे के बाद वोटिंग प्रतिशत बढ़ना संभव है?
चुनाव आयोग के अनुसार, मतदान प्रक्रिया के दौरान लाइन में लगे सभी मतदाताओं को वोट डालने का अधिकार है।