हमीरपुर में लुटेरी दुल्हन का कहर: 48 घंटे में सराफा कारोबारी से दो लाख रुपये और जेवरात लेकर फरार
हमीरपुर की दर्दनाक घटना – लुटेरी दुल्हन की साजिश
एक नजर में घटना की पूरी कहानी
हमीरपुर जिले से एक बेहद चौंकाने वाली और दुःखद खबर सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। एक सराफा कारोबारी, जो ईमानदारी से अपनी जिंदगी बिता रहा था, उसकी पूरी दुनिया उस वक्त उजड़ गई जब वह लुटेरी दुल्हन के जाल में फंस गया। शादी के नाम पर उसके साथ ऐसा छल हुआ कि शायद अब वह किसी रिश्ते पर भरोसा न कर सके। मामला कुछ यूं है कि शादी के महज 48 घंटे के भीतर ही उसकी नवविवाहिता पत्नी दो लाख रुपये नकद और सारे कीमती जेवरात लेकर फरार हो गई।
यह पूरी घटना अपने आप में न केवल भावनात्मक तौर पर तोड़ देने वाली है बल्कि यह सवाल भी खड़ा करती है कि आखिर ऐसे फ्रॉड कैसे खुलेआम हो रहे हैं और कौन इनका मास्टरमाइंड है? जब कोई शादी जैसे पवित्र बंधन में बंधता है तो उसके सपनों में घर, परिवार और सुकून होता है, लेकिन अंशु के लिए यह रिश्ता केवल छलावा बनकर आया।
सराफा कारोबारी की शादी का सपना कैसे बना दुःस्वप्न
अंशु, जो कि एक जानी-मानी सराफा दुकान का मालिक है, ने कभी सोचा भी नहीं था कि उसकी शादी की खुशी इतने कम समय में उसकी जिंदगी का सबसे बुरा अनुभव बन जाएगी। वह पूरे उत्साह के साथ बारात लेकर मध्यप्रदेश के सतना जिले गया था, जहां उसकी शादी एक मंदिर में सम्पन्न हुई। सब कुछ सामान्य लग रहा था—घरवालों के बीच खुशियाँ थीं, रस्में थीं, मिठास थी। लेकिन अंदर ही अंदर एक बहुत बड़ी साजिश रची जा रही थी।
दुल्हन विदाई के बाद उसके घर आई, सभी रस्में हुईं, कथा का आयोजन हुआ। लेकिन उसी रात वह थकी होने का बहाना बनाकर सो गई। अगली सुबह जब अंशु अपनी दुकान पर काम करने गया और शाम को लौटा, तो वह देखता है कि उसका घर खाली है—न पत्नी है, न जेवरात और न ही वह दो लाख रुपये जो पहले ही दिए जा चुके थे। अब सवाल यह है कि क्या यह सब एक प्लानिंग के तहत किया गया था? और अगर हां, तो इसके पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं?
शादी की साजिश – कैसे फंसाया गया कारोबारी को
दलाल की भूमिका और धोखे की शुरुआत
इस कहानी का सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि यह शादी एक दलाल के जरिए तय की गई थी। थाना ललपुरा के उजनेड़ी गांव के एक व्यक्ति ने पैसों के बदले में अंशु की शादी तय कराने की गारंटी ली थी। वह न केवल भरोसा दिला रहा था, बल्कि यह भी कह रहा था कि “अच्छे घर से रिश्ता करवा दूंगा।” यहीं से शुरू होता है उस भरोसे का टूटना, जिस पर अंशु ने अपने भविष्य की बुनियाद रखी थी।
दलाल ने अंशु से शादी तय कराने के लिए पहले ही मोटी रकम वसूल ली थी। उसका काम केवल रिश्ता जोड़ना नहीं था, बल्कि ऐसा लगता है कि वह इस साजिश का हिस्सा था। यह सवाल उठता है कि क्या उसने जानबूझकर इस तरह का रिश्ता तय किया? क्या वह पहले से जानता था कि यह दुल्हन एक शातिर ठग है?
उजनेड़ी गांव से सतना तक की कहानी
शादी की जगह तय की गई सतना जिले का एक गांव, जहां बारात पहुंची थी। बिचवानी (दलाल) भी बारात के साथ गया था, जो अब इस मामले में सबसे संदिग्ध बन चुका है। शादी मंदिर में करवाई गई, जो एक ऐसा स्थान है जहां रजिस्ट्रेशन या कानूनी प्रक्रिया की बहुत कम संभावना रहती है। इस तरह की शादी को साबित करना भी मुश्किल होता है।
यह भी संभव है कि शादी के नाम पर केवल एक नाटक रचा गया हो, ताकि दुल्हन को आसानी से विदा कराकर अंशु के घर भेजा जा सके और वह अपने प्लान के अनुसार वारदात को अंजाम देकर फरार हो सके।