रोडवेज बसों में यूपीआई आधारित डिजिटल टिकटिंग सिस्टम की शुरुआत: यात्रियों को मिलेगा कैशबैक
उत्तर प्रदेश की रोडवेज बसों में अब डिजिटल क्रांति का नया अध्याय जुड़ गया है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने जानकारी दी है कि सोमवार से रोडवेज बसों में यूपीआई आधारित डिजिटल टिकटिंग सिस्टम शुरू कर दिया गया है। यह कदम यात्रियों को आसान, सुरक्षित और कैशलेस यात्रा प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
यूपीआई डिजिटल टिकटिंग सिस्टम: कैसे करेगा काम?
डिजिटल टिकटिंग सिस्टम भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) के सहयोग से लागू किया गया है।
प्रक्रिया की मुख्य बातें:
- यूपीआई स्टीकर का उपयोग:
- बसों की प्रत्येक सीट के पीछे यूपीआई स्टीकर लगाए जा रहे हैं।
- यात्री इन स्टीकर का स्कैन करके डिजिटल भुगतान कर सकेंगे।
- कैशबैक का लाभ:
- डिजिटल पेमेंट करने वाले यात्रियों को कैशबैक का फायदा मिलेगा।
- बस चालकों और परिचालकों की भूमिका:
- चालकों और परिचालकों को डिजिटल टिकटिंग प्रक्रिया में प्रशिक्षित किया गया है।
परिवहन मंत्री का बयान
परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने बताया कि यह कदम रोडवेज बसों में डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए उठाया गया है। उन्होंने कहा कि “बस चालकों और परिचालकों को प्रोत्साहित करने के लिए यह नई प्रक्रिया शुरू की गई है।”
यूपीआई स्टीकर का वितरण और इंस्टॉलेशन
वितरण प्रक्रिया:
- हर क्षेत्रीय प्रबंधक को लगभग 20 बॉक्स स्टीकर उपलब्ध कराए गए हैं।
- प्रत्येक बॉक्स में करीब 3000 स्टीकर हैं।
इंस्टॉलेशन की प्रक्रिया:
- स्टीकरों को बसों में लगाना शुरू कर दिया गया है।
- इससे यात्रियों को सीट पर बैठे-बैठे ही भुगतान करने में सुविधा होगी।
डिजिटल टिकटिंग के फायदे
1. यात्रियों के लिए आसान और सुरक्षित:
- नकद लेन-देन की झंझट से छुटकारा।
- भुगतान का डिजिटल रिकॉर्ड।
2. परिचालकों के लिए सुविधाजनक:
- नकदी गिनने और संभालने का समय बचेगा।
3. पर्यावरण के लिए लाभदायक:
- पेपर टिकट की जगह डिजिटल टिकट का इस्तेमाल पर्यावरण के अनुकूल है।
यूपीआई टिकटिंग: यात्रियों को कैशबैक का लाभ
यात्रियों को डिजिटल भुगतान के लिए प्रेरित करने के लिए कैशबैक की सुविधा दी गई है। यह कैशबैक यात्रियों को यात्रा लागत में बचत का अनुभव देगा और उन्हें डिजिटल भुगतान के प्रति आकर्षित करेगा।
डिजिटल ट्रांजैक्शन से जुड़ी चुनौतियां
हालांकि, यह प्रणाली यात्रियों और बस परिचालकों के लिए सुविधाजनक है, लेकिन इसके साथ कुछ चुनौतियां भी हैं:
- डिजिटल साक्षरता की कमी:
- ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले कई लोग डिजिटल भुगतान से परिचित नहीं हैं।
- नेटवर्क की समस्या:
- कुछ क्षेत्रों में इंटरनेट कनेक्टिविटी की कमी डिजिटल भुगतान में बाधा बन सकती है।
- तकनीकी समस्याएं:
- यूपीआई ऐप्स में तकनीकी गड़बड़ी या भुगतान विफलता की संभावना।
प्रशिक्षण और जागरूकता अभियान
परिवहन विभाग ने बस चालकों और परिचालकों को डिजिटल ट्रांजैक्शन प्रक्रिया में प्रशिक्षित करने के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया है।
जागरूकता अभियान:
- यात्रियों को डिजिटल भुगतान के फायदों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
- यूपीआई ऐप डाउनलोड और उपयोग करने की प्रक्रिया को समझाया जा रहा है।
डिजिटल टिकटिंग के भविष्य की संभावनाएं
1. पूरे राज्य में विस्तार:
- इस प्रक्रिया को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों की रोडवेज बसों में लागू किया जाएगा।
2. अन्य सुविधाओं का समावेश:
- भविष्य में डिजिटल पेमेंट के माध्यम से यात्रा की एडवांस बुकिंग और अन्य सेवाएं जोड़ी जा सकती हैं।
3. डेटा का उपयोग:
- यात्रियों के डिजिटल भुगतान डेटा का उपयोग यातायात प्रबंधन को और अधिक कुशल बनाने के लिए किया जाएगा।
निष्कर्ष
यूपीआई आधारित डिजिटल टिकटिंग सिस्टम उत्तर प्रदेश रोडवेज बसों में यात्रियों के लिए एक बड़ी सुविधा साबित होगी। यह न केवल यात्रियों को कैशलेस यात्रा का अनुभव देगा, बल्कि परिवहन विभाग की आय और संचालन प्रक्रिया में भी सुधार लाएगा।
FAQs
- यूपीआई डिजिटल टिकटिंग सिस्टम किस प्रकार काम करता है?
बसों में लगाए गए स्टीकर को स्कैन करके यात्री यूपीआई ऐप से भुगतान कर सकते हैं। - क्या डिजिटल भुगतान पर कैशबैक की सुविधा सभी को मिलेगी?
हां, डिजिटल पेमेंट करने वाले सभी यात्रियों को कैशबैक दिया जाएगा। - क्या यह सुविधा ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपलब्ध होगी?
यह प्रणाली सभी जिलों में लागू की जाएगी, लेकिन नेटवर्क कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना प्राथमिकता होगी। - क्या डिजिटल भुगतान के लिए अतिरिक्त शुल्क लगेगा?
नहीं, यूपीआई भुगतान पर किसी भी प्रकार का अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा। - यूपीआई टिकटिंग से परिवहन विभाग को क्या लाभ होगा?
यह प्रणाली आय में पारदर्शिता बढ़ाएगी और नकद लेन-देन से जुड़ी गड़बड़ियों को समाप्त करेगी।