
यूपी में सरकारी डॉक्टर ने बनाए अश्लील वीडियो, AI से एडिट बताकर बचने की कोशिश, जांच जारी
सरकारी डॉक्टर ने बनाए अश्लील वीडियो: पूरा मामला
1. मामले का परिचय
संत कबीरनगर, उत्तर प्रदेश से एक शर्मनाक मामला सामने आया है जिसमें सरकारी डॉक्टर वरुणेश दुबे पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने महिला के वेश में अश्लील वीडियो बनाए और उन्हें पोर्न साइट्स पर पैसे लेकर अपलोड किया।
2. घटना की शुरुआत
मामला तब सामने आया जब डॉक्टर की पत्नी को इंटरनेट पर कुछ आपत्तिजनक वीडियो दिखाई दिए, जिनमें उनके पति एक अन्य पुरुष के साथ अश्लील हरकतें करते दिखे। यह देखकर वह स्तब्ध रह गईं।
3. डॉक्टर वरुणेश दुबे कौन हैं?
डॉ. वरुणेश दुबे खलीलाबाद सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) में तैनात एक सरकारी डॉक्टर हैं। वह अपने सरकारी आवास में रहते थे, जिसे बाद में एक सीक्रेट स्टूडियो में तब्दील कर दिया गया था।
4. पत्नी ने क्या देखा?
• इंटरनेट पर वायरल वीडियो
पत्नी के अनुसार, उन्हें अश्लील वीडियो एक पेड साइट पर मिले, जिनमें उनके पति महिला के वेश में दूसरे पुरुषों के साथ आपत्तिजनक हरकतें कर रहे थे।
• ट्रांसजेंडर के रूप में मौजूदगी
डॉ. वरुणेश ने “मीना राय” नाम से एक फर्जी फेसबुक अकाउंट बनाकर खुद को ट्रांसजेंडर बताया और उसपर कई वीडियो अपलोड किए।
5. वीडियो की लोकेशन का खुलासा
• वीडियो में दिख रही सजावट
वीडियो में दिखाई देने वाला वॉलपेपर, बेड और अन्य सजावट वस्तुएं वही थीं, जिन्हें पत्नी ने खुद ऑनलाइन ऑर्डर कर घर में लगवाया था।
• सरकारी आवास को स्टूडियो बनाना
पत्नी का दावा है कि डॉक्टर ने सरकारी आवास को स्टूडियो में तब्दील कर लिया था, जहां वीडियो शूट होते थे।
6. पत्नी का सामना और विरोध
जब पत्नी ने वीडियो के बारे में सवाल किया, तो डॉक्टर ने उसके साथ मारपीट की। उसने अपने मायके में पिता और भाई को बुलाया।
7. डॉक्टर की मारपीट और हिंसा
डॉक्टर ने न सिर्फ पत्नी से बल्कि उसके पिता और भाई के साथ भी मारपीट की। इस पूरी घटना का CCTV फुटेज सामने आ चुका है।
8. CCTV फुटेज में क्या दिखा?
फुटेज में स्पष्ट रूप से डॉक्टर और पत्नी के परिजनों के बीच हाथापाई होते हुए देखा जा सकता है, जो मामले को और पुख्ता करता है।
9. डॉक्टर की सफाई – AI से एडिट किया गया
डॉ. वरुणेश का दावा है कि वीडियो उनके नहीं हैं। उनका आरोप है कि पत्नी का भाई एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और उसने AI से वीडियो एडिट करके उन्हें फंसाया है।
10. पुलिस की कार्रवाई
• FIR दर्ज
पत्नी की शिकायत पर खलीलाबाद कोतवाली पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है।
• आवास सील
जिस सरकारी आवास में वीडियो शूट किए जा रहे थे, उसे सील कर दिया गया है।
• वीडियो लैब जांच के लिए भेजे गए
सभी संदिग्ध वीडियो को फॉरेंसिक लैब भेजा गया है ताकि उनकी प्रामाणिकता की जांच हो सके।
11. मुख्य चिकित्सा अधिकारी की पहल
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रामानुज कन्नौजिया ने एक तीन सदस्यीय विभागीय जांच समिति गठित की है, जिसे एक सप्ताह में रिपोर्ट देनी है।
12. शादी और रिश्ते की पृष्ठभूमि
• 2008 का अफेयर
डॉक्टर और उनकी पत्नी का अफेयर 2008 से था।
• 2018 में शादी
बाद में उन्होंने पारंपरिक रीति-रिवाज से शादी की, लेकिन शादी के बाद से रिश्तों में तनाव बना रहा।
13. डॉक्टर की पत्नी के आरोप
पत्नी ने दावा किया कि डॉक्टर ने मीना राय नाम की फर्जी ID बनाकर अश्लील सामग्री अपलोड की। वह इन्हें देखकर अपने पति को आवाज, बॉडी लैंग्वेज और आदतों से पहचान सकती हैं।
14. डॉक्टर की प्रतिवादी शिकायत
डॉक्टर ने भी पत्नी पर आरोप लगाते हुए गोरखपुर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने पत्नी पर मानसिक प्रताड़ना, झूठे आरोप और हमला करने का आरोप लगाया।
15. मामले की वर्तमान स्थिति
मामले की जांच जारी है। पुलिस और मेडिकल विभाग दोनों अपने-अपने स्तर पर जांच कर रहे हैं। वहीं, सोशल मीडिया पर यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, और समाज में नैतिकता पर कई सवाल उठे हैं।
✅ निष्कर्ष
यह मामला सिर्फ एक डॉक्टर की व्यक्तिगत गलती नहीं, बल्कि एक बड़े सामाजिक और नैतिक प्रश्न को उजागर करता है। जहां एक ओर टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग की आशंका है, वहीं दूसरी ओर मानसिक विकृति और असंवेदनशीलता भी सामने आती है। अब देखना होगा कि जांच समिति और फॉरेंसिक रिपोर्ट क्या कहती हैं, लेकिन फिलहाल पूरा मामला बेहद गंभीर और शर्मनाक है।
❓ FAQs
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क्या डॉक्टर ने सच में अश्लील वीडियो बनाए थे?
पुलिस जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट के बाद ही सच्चाई स्पष्ट होगी। -
AI से वीडियो एडिट करने का दावा कितना सही है?
यह तकनीकी जांच का विषय है, जिसकी पुष्टि डिजिटल फॉरेंसिक ही कर सकती है। -
डॉक्टर की पत्नी ने FIR क्यों दर्ज कराई?
अश्लील वीडियो देखने के बाद विरोध करने पर डॉक्टर ने मारपीट की, इसीलिए उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कराई। -
सरकारी आवास को क्यों सील किया गया?
वहाँ अश्लील वीडियो बनाए जाने की आशंका है, इसलिए पुलिस ने उसे सबूत के तौर पर सील किया। -
जांच समिति को कितने दिनों में रिपोर्ट देनी है?
जांच समिति को एक सप्ताह के भीतर अपनी रिपोर्ट जमा करनी है।